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\v 16 बा बिनसे एक दृष्टान्त कहि, कोई एक जनि धनी आदमिको जमिनमे बहुत उब्जनी भव । \v 17 बा मनएमनमे गुनन्न लगो,मेरो अन्न धरन ताहि बिच्चा मिर ठिन नाहया ,अब मए का करौ ? \v 18 तव बा कहिं , 'मए अईसो करङगो अपन बाखारी फोणके और बणी बनामंगो,और मिर सब अनाज और मालसमान बहेमे धरङ्गो । \v 19 तव मए अपन प्राणसे कहमङ्गो ' ए प्राण बेढम बर्ष तक् प्रशस्त सम्पत्ति तेरे ताहि जमा करो हौ । सुख-चैनमे बैठो ,खा,पी और मजा कर ।'