thr_luk_text_reg/11/09.txt

1 line
514 B
Plaintext

\v 9 मइ तुमसे कहत हौ,मगओ त तुमके मिलैगो । ढुणैगेता तुम पाबैगे ,ढकढका बैगेता तुमर ताहि खुलो जाबएगो । \v 10 कहेकी सबए जौन मागत हए ,तौ बा पात हए । जौन ढुडत हए तौ बाके मिलत हए,और जौन खटखटात हए , बाके ताँहि खुलत हए।