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\v 23 चेला घेन घुमके बा बिनसे चुपकेसे कहिँ, “धन्य हए बे आँखी, जौन तुमरी देखिभै जा बात देखत हौ । \v 24 काहेकी मै तुमसे कहत हौ, बहुत अगमवक्ता और राजनके तुम देखत हौ, वे देखन इच्छा करी रहए, पर देख ना पाई और बे सुनन इच्छा करी, पर सुन ना पाई।”