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\v 5 "जौन घरमे घुसव पहिले कहव, जा घरमे शान्ति होबए !' " \v 6 अगर हुवा प्रिय आदमी हए तव तुमरी शान्ति बाके सँग रहबैगे, पर यदी ना हए कहेसे बा शान्ति तुमर ठीन घुमके अएहए। \v 7 "बिनके दओ चिज खाए पिके बा घरमे बै ठओ। काहेकी खेतहर अपनो ज्यालाको योग्य होत हए । एक घरसे दुसरे घरमे मत घुसओ । "