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\c 10 \v 1 जाके मारे प्रभु और सत्तरी जनीनके नियुक्त करी, और जाहँ बा अपनएजान चाहत रहए सहर और गाउँमे अपनेसे अग्गु बिनके दुई-दुई जनी करके पठाई । \v 2 बा बिनसे कहि, “फसल त प्रसस्त हए, पर खेतहरा थोरी हए । जहेक मारे फसलके प्रभुसे प्रार्थना करओ, और बा अपन फसलमे खेतहराके पठाए देवए । |