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\v 32 ढिगैको डँगामे सोराकी एक बाणी बगाल चुगतरहए। तव बे सोराकी भितर घुसनदे कहिके बे बिन्ती करी, और बा मन्जूर भव । \v 33 तव भूत बा आदमीसे निकरके बे सोराकी भितर घुसगए, और बा बगाल खल्लासे समुन्द्रघेन हुरट गए और डुबके मरिगाए।