thr_luk_text_reg/08/14.txt

1 line
613 B
Plaintext

\v 14 कांटोके बिचमे पणन बारी बेही हए, जैन सुनतए, पर पीछु जा जीवनकी चिन्ता, धान, सुखचैनमे पणके बणन ना पातए, और बिनको फल पक ना पत हए । \v 15 पर अछी जमिनमे पणन बारे बेहि हए, जैन वचन सुनके अच्छो मन और भलो हृदयमे बाके जुगाए रहत हए, और असरा करके फल फलात हए।