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\v 11 अब कहानीको अर्थ जा हएकी: बिज परमेश्वरकी वचन हए । \v 12 डगरकी किनरे गिरो बिज बेहे हए, जैन सुनत हए, तव बे वचन सुनके विश्‍वास ना करैए और ना बाचए कहिके दियाबलस अयके बिनकी हृदयसे वचन लैचालोजतहए। \v 13 पत्थरबरी जमिनमे पणनबरी बेहे हए, जैन वचन सुनके ख़ुशीसे ग्रहण करत हए । पर बाको जर ना होनके कारनसे, और बे थोरी समयके तही बे विश्‍वास करतहए, पर परीक्षाके अग्गु बे अलोप हुइजात हए।