\v 45 अच्छो आदमी आपनो हृदयसे अच्छो भण्डारसे अच्छो चिज निकरत हए, और खराब आदमी आपनो हृदयसे खराब भण्डारसे खराबए चिज निकरत हए। कहेकी जौन बातसे हृदय भरोहोत हए, आदमीक मुहसे बही निकरत हए ।