thr_luk_text_reg/06/38.txt

1 line
442 B
Plaintext

\v 38 देबैगो, और तुमके फिर दै जाबैगो। आदमीके बहुत परिमाणमे खाँद-खाँदके डटके हलाएके, उफानत तुमर कुठियामे धारदेहाए । कहेकी जैन नापसे तुम देहओ, बहे नापमे तुम फिर फिर्ता पएहओ।”