thr_luk_text_reg/06/22.txt

1 line
651 B
Plaintext

\v 22 धन्य तुम, जब आदमी तुमके आदमीको पुत्रके ताही घृणा करङगे, और बहिष्कार करङगे, और खिसबाङ्गे, और दुष्ट कहमँगे तुम्हर नाउँके अपमान करङगे । \v 23 "बा दिनमे रमाबओ,और ख़ुशीसे कुदओ, कहेकी स्वर्गमे तुम्हर इनाम बणो हए । कहेकी तुम्हर पुर्खा अगमवक्ताके अइसी करतरहए ।