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\v 20 तव बा अपन चेलनके उपर नजर करके कहि: “धन्य तुम जो दीन होनबारे, कहेकी परमेश्वरको राज्य तुम्हरीए हए । \v 21 धन्य तुम, अभेए भुखाँनबारे, कहेकी तुम तृप्त होबैगे । धन्य तुम रोनबरे, कहेकी तुम हाँसैगे ।