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\v 21 आदमी जकरियाके आसियतरहए और मन्दिरमे देर हुईगव तव घब्रीयाएगए । \v 22 बा बाहिर निकरके आतै बिनसे मस्कनै नापाई और बा मन्दिरमे दर्शन देखि हए कहिके बे बुझी| बा बिनके इशारा करन लगो,तव बा गूँगो हिइगौ। \v 23 बाको सेवाको दिन पुरो हुइके पिछु बा अपन घर गईभव।