\v 8 अब बाको मालिक बा अधर्मी व्यवस्थापकको तारीफ करी काहेकी बा चलाकीसे काम करी रहए । काहेकी जा संसारको आदमी अपनी पुस्ताके और आदमीसंग व्यवहार करत ज्योतिके सन्तानसे और जध्धा चलाक होत हए । \v 9 मए तुमसे कहत हौ , अपनो तहि संसारको धनसे मित्र बनाबौ, और जब धन नास हुईहे , तव बे तुमके अनन्त वासस्थानमे स्वागत करए ।