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\v 20 20 तव बा बिनको विश्वास देखके कही, “ए आदमी, तिर पाप क्षमा हुईगव ।” \v 21 21 तव शास्त्री और फरिसी पुछन लागे, “ईश्वर-निन्दा करन बारो जा कौन हए ? पाप त परमेश्वर क्षमा करसकत हाए ।
\v 20 तव बा बिनको विश्वास देखके कही, “ए आदमी, तिर पाप क्षमा हुईगव ।” \v 21 तव शास्त्री और फरिसी पुछन लागे, “ईश्वर-निन्दा करन बारो जा कौन हए ? पाप त परमेश्वर बाहेक और कौन क्षमा करसकत हाए ?

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\v 22 \v 23 \v 24 22 पर येशू बिनकी प्रश्न प़ता पएके बिनके जवाफ दैके कहि, “तुम अपन हृदयमे कहे प्रश्न करहव? 23 तीर पाप क्षमा भव' कहओ कि 'उठके नेग' कहओ, कौन सहज हए? 24 और आदमीको पुत्र पृथ्वीमे पाप क्षमा करन अधिकार हए कहीके तुम जानजाबओ|” तव बा पक्षाघातीसे कहि, “मए तोसे कहतहओ, उठ और अपन खाटीया उठाएके घरे जा|”
\v 22 22 पर येशू बिनकी प्रश्न प़ता पएके बिनके जवाफ दैके कहि, “तुम अपन हृदयमे कहे प्रश्न करहव? \v 23 23 तीर पाप क्षमा भव' कहओ कि 'उठके नेग' कहओ, कौन सहज हए? \v 24 24 और आदमीको पुत्र पृथ्वीमे पाप क्षमा करन अधिकार हए कहीके तुम जानजाबओ|” तव बा पक्षाघातीसे कहि, “मए तोसे कहतहओ, उठ और अपन खाटीया उठाएके घरे जा|”

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"05-15",
"05-17",
"05-18",
"05-20",
"11-02",
"11-03"
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