Thu Jul 20 2023 16:19:44 GMT+0800 (Australian Western Standard Time)
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a8b12bd492
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c372c5b988
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\v 13 कोई फिर सेवक दुई मालिकको सेवा ना करपए हए, काहेकी बा एकके घृणा करके दुसरेके प्रेम करत हए , औ एकके प्रती भक्ती दुसरेके औरके तुच्छ मानत हए तुम परमेश्वर और धन दोनेके सेवा ना कर पए हौन । "
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\v 13 कोई फिर सेवक दुई मालिकको सेवा ना करपए हए, काहेकी बा एकके घृणा करके दुसरेके प्रेम करत हए , औ एकके प्रती भक्ती दुसरेके तुच्छ मनहए तुम परमेश्वर और धन दोनेको सेवा ना कर सकत हओ । "
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\v 14 १४धनको लोभी फरिसी जा सब बात सुनके बाको बढाई करी । १५ \v 15 तव बा उनसे कहि , आदमीनके अग्गु अपनेके धर्मी ठहरानबारे तुम ही हौ । पर परमेश्वर तुमर हृदय जानत हए, काहेकी आदमीनके विचमे जो उच्च गिनोगओ हए , परमेश्वरके दृष्टिमे बा तुच्छ ठहरैगो ।
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\v 14 धनके लोभी फरिसी जा सब बात सुनके बाको बढाई करी । \v 15 तव बा उनसे कहि , आदमीनके अग्गु अपनेके धर्मी ठहरानबारे तुम ही हौ । पर परमेश्वर तुमर हृदय जानत हए, काहेकी आदमीनके विचमे जो उच्च गिनोगओ हए , परमेश्वरके दृष्टिमे बा तुच्छ ठहरैगो ।
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"16-03",
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