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\v 47 \v 48 ४७ बा हरेक दिन मन्दिर मे शिक्षा देत रहए । पर मुख्य पुजारी शास्त्री और जन्ताको प्रमुख आदमी बाके मारन ढुडि । ४८ बे बाके मारन ताहि कोई उपय न पाई काहेकी सबए आदमि बाके बातमे ध्यान देत रहए ।

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\c 20 \v 1 \v 2 १एक दिन मन्दिरमे बा आदमिके शिक्षा देत रहए। और बिनके सु-समाचार प्रचार करत रहए। धर्म गुरुके संग मुखिया पुजारि और सास्त्रि बाके ठिन आए।२ बासे पुछिं हमके बता कैन अधीकारसे तुम जा काम करत हौ,और तुमके अधीकार देन बारो कौन हए?

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\v 3 \v 4 ३ बा बिनके जबाफ दै, मए फिर तुमसे एक बात पुछत हौ, मोके उत्तर देओ। ४ युहन्ना दौवभौ बप्तीस्मा स्वर्गसे रहए कि आदमी से?

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\v 5 \v 6 ५ बे आपसमे बाहस करन लागे, स्वर्गसे काहमंगे कहेसे,तव बे कएहए,काहे बिस्वास नाकरत हौ? करके काहामङ्गे। ६ आदमिसे काहामङ्गे तव,सब आदमी हमके पत्थर मरहए, काहेकी युहन्ना अगमवक्ता हए, कहीके पक्का वओश्वास हए।

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अध्धाय २०