From 7a2a93d647f1cc946a09d957bd22f2d68e74da29 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 20 Jul 2023 13:29:46 +0800 Subject: [PATCH] Thu Jul 20 2023 13:29:45 GMT+0800 (Australian Western Standard Time) --- 13/34.txt | 2 +- 14/01.txt | 2 +- manifest.json | 3 ++- 3 files changed, 4 insertions(+), 3 deletions(-) diff --git a/13/34.txt b/13/34.txt index 1eb7947..71b6ba8 100644 --- a/13/34.txt +++ b/13/34.txt @@ -1 +1 @@ -\v 34 यरुशलेम ए यरुशलेम तए अगमबक्ताके मारत हए,और तिर ठिन पठाए भएके उपर पत्थर बर्सात हए ! जैसे मुर्गिया अपन बच्चनके पखमा तरे लुकात हए, उइसिए मए कित्तो चोटी तिर बालकके लेन इच्छा करो, पर तए ना मानो । \v 35 देख , तेरो घर उजणो हए । मए तोसे कहत हौ,जब तक तए, धन्य हओ प्रमप्रभुको नाउँमे आनबारो ना कैहओ , तब तक मोके न देखैगे ।" \ No newline at end of file +\v 34 यरुशलेम ए यरुशलेम तए अगमबक्ताके मारत हए,और तिर ठिन पठाए भएके उपर पत्थर बर्सात हए ! जैसे मुर्गिया अपन बच्चनके पखमा तरे लुकात हए, उइसिए मए कित्तो चोटी तिर बालकके लेन इच्छा करो, पर तए ना मानो । \v 35 देख , तेरो घर उजणो हए । मए तोसे कहत हौ,जब तक तए, "धन्य हओ प्रमप्रभुको नाउँमे आनबारो " ना कैहओ , तब तक मोके न देखैगे ।" \ No newline at end of file diff --git a/14/01.txt b/14/01.txt index 25cc5f3..8d66345 100644 --- a/14/01.txt +++ b/14/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 14 \v 1 एक शबाथ-बा फरिसी कोई जनि शासकको घरसे खान गओ ।फरिसी बाकी चेवामा बैठेरहए ।२ \v 2 जलग्रह रोगसे पिडित भव एक जनि आदमी बक सामने रहए ।३ \v 3 येशु व्यवस्थापक पण्डितसे और फरिसीसे पुच्छी “शबाथमे अच्छो करन उचित हए कि नैया ? \ No newline at end of file +\c 14 \v 1 एक शबाथ दि-बा फरिसी कोई जनि शासकको घरसे खान गओ ।फरिसी बाकी चेवामा बैठेरहए । \v 2 जलग्रह रोगसे पिडित भव एक जनि आदमी बक सामने रहए । \v 3 येशु व्यवस्थापक पण्डितसे और फरिसीसे पुच्छी “शबाथमे अच्छो करन उचित हए कि नैया ? \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 379064a..77559fb 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -325,6 +325,7 @@ "13-22", "13-25", "13-28", - "13-31" + "13-31", + "13-34" ] } \ No newline at end of file