Fri Jun 09 2023 13:04:48 GMT+0800 (Australian Western Standard Time)
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\v 20 \v 21 २०परमेश्चरको राज्य कब अएहए करके फरिसिको प्रश्नको जवाफमे बा बिनसे कहि ,परमेश्वरको राज्य देखन जैसो नाए आबैगो २१ नाता आदमी कएहए , “देखओ हिया हए ! अथ्वा हुवा हए काहेकी देख्ओ,परमेश्वरको राज्य तुमर बिचमे हए ।
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\v 22 \v 23 \v 24 २२बा चेलनसे कहि , “बे दिन आमंगे , जब तुम आदमीको पुत्रके कोई एक दिन देखन इच्छा करैगो ,तव तुम ना दिखहौ ।२३आदमीनके तुम कएहौ , देखओ बा हुवा हए ! अथ्वा बा हिया हए! पर मत जैओ, और,बिनके घिन मत लगिओ ।२४ काहेकी जैसी बिजली चमकत्त हए बादरको एक किनारे दुसरे किनारे तक उजियारो करत हए,आदमीको पुत्र फिरअपनो दिनमे उईसी हुईहए ।
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\v 25 \v 26 \v 27 २५पर पहिले बा बहुत कष्ट शहन पणैगो । और जा पुस्तासे बहिस्कृत हुईहए ।२६ नोआको दिनमे जैसो भव रहए ,आदमीको पुत्रको दिनमे फिर उईसी हुईहए ।२७ नोआ जहाज भीतर ना घुसन तक जलप्रलय आओ और सबैके नष्ट करी ।
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\v 28 \v 29 २८ लोतके दिनमे फिर उईसी भव रहए, आदमी खातरहए,पित रहए ,किनमोल करत रहए, लगात रहए,बनात रहए ।२९ तव जौन दिन लोत सदोमसे निकरो,आकाशसे आगी और गन्धन बरसाईको सबके नष्ट करि
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