Fri Jun 23 2023 13:00:25 GMT+0800 (Australian Western Standard Time)
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70ed2b3d50
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166bc46403
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\v 5 "जौन घरमे घुसव पहिले कहव, जा घरमे शान्ति होबए !' " \v 6 अगर हुवा प्रिय आदमी हए तव तुमरी शान्ति बाके सँग रहबैगे, पर यदी ना हए कहेसे बा शान्ति तुमर ठीन घुमके अएहए। \v 7 "बिनके दओ चिज खाए पिके बा घरमे बै ठओ। काहेकी खेतहर अपनो ज्यालाको योग्य होत हए । एक घरसे दुस-घर ना घुसके नेगोओ। "
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\v 5 "जौन घरमे घुसव पहिले कहव, जा घरमे शान्ति होबए !' " \v 6 अगर हुवा प्रिय आदमी हए तव तुमरी शान्ति बाके सँग रहबैगे, पर यदी ना हए कहेसे बा शान्ति तुमर ठीन घुमके अएहए। \v 7 "बिनके दओ चिज खाए पिके बा घरमे बै ठओ। काहेकी खेतहर अपनो ज्यालाको योग्य होत हए । एक घरसे दुसरे घरमे मत घुसओ । "
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\v 8 \v 9 ८ "जब तुम कोइ शहेरमे घुसौ, और बे तुमके स्वागत करहए, तव तुमर अग्गु धरो भोजन खाओ, " ९ हुवाँ भए रोगीनके अच्छो करौ, और बिनसे काहा बौ, 'परमेश्वरको राज्य तुमर ठीन आइपुगो हए।'
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\v 8 "जब तुम कोइ शहेरमे घुसौ, और बे तुमके स्वागत करहए, तव तुमर अग्गु धरो भोजन खाओ, " \v 9 हुवाँ भए रोगीनके अच्छो करौ, और बिनसे काहा बौ, 'परमेश्वरको राज्य तुमर ठीन आइपुगो हए।'
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