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\v 57 मिर देहे खान बारो और मिर रगत पिन बारो चाहि मिर मे रहए, और मए बामे रएहौ । \v 58 स्वर्गसे आन बारी जा रोटी अइसी नाए हए, जो पिता पुर्खा खाइँ ताहु फिर
मरिगए । जा रोटी खान बारो सदिमान जिहए ।” \v 59 बा जा बात कफर्नहुमके सभाघरमे शिक्षा देतपेती कही रहए ।