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\v 25 \v 26 25 अपन प्राणके माया करन बारे बो गुमएहँए, पर अपन प्राण जा संसारमे तुच्छ मानन् बारे चाहिँ अनन्त जिवनके ताहिँ बो सुरक्षित् धरंगे| 26 कोई मिर सेवा करेहए तव बो मोके पछेयाबए और मए जहाँ हौ, मिर सेवक फिर हुवाँए हुइहए| कोई मिर सेवा करेहए तव पिता बोके कदर करेहए|