thr_jhn_text_reg/03/16.txt

1 line
1013 B
Plaintext

\v 16 "काहेकी परमेश्‍वर संसारके अईसो प्रेम करी, कि बा अपन एकलौटा पुत्र दै, ताकि बाके उपर विश्‍वास करन वालो कोइ फिर नाश ना हुइ हए, पर बा अनन्त जीवन पए हए । \v 17 काहेकी परमेश्‍वर संसारके दण्‍ड देन ना हए, पर संसारके बचान ताही आपनी पुत्र दै । \v 18 जौन बाके उपर विश्‍वास करहए, बा दोषी ना ठहरैगो, पर बिश्‍वास नाए करन बारो अगुसे दोषी ठहिरगौ हए, काहेकि बा परमेश्‍वरका एकलौटा पुत्रके नाउँमे विश्‍वास ना करी हए ।