\v 32 । 32 संसारमे सुरुसे लैके अईसो अन्धराकी आँखी कोई खोलि बात कबहु नए सुने । \v 33 33 अगर जा आदमी परमेश्वरसे नाए अइतो तव बा कुछु नए करपातो।”
\v 34 34 बे बाके जबाफ दैके कहिँ, “तए ता बिरकुल पापमे जन्मो रहए, और का हबए तए हमके सिकान चाहत हए?” तव बे बाके बाहिर निकर दै।