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\v 47 तव मुखिया पुजाहारी और फरिसी महासभाके सदस्यनके बोलाएके और उन्से कहिँ, “अब हम का करए ? कहेकी जा आदमी बहुत चिन्ह कर रहोहए । \v 48 जाके अईसीयउचष छोड देहौ तव सब जके उपर बिश्वास करेहए् और रोमी आएके हमर पवित्र स्थान और हमर जातिनके दोनए के नष्ट करदेहए ।” |