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\v 45 "तव मन्दिरके पहरेदार और मुखिया पुजाहारी और फरिसीके ठिन आए । बे उन्से कही " तुम बाके काहे नाए ल्याए?” \v 46 पहरेदार जबाफ दैं, “जा आदमी जैसो ता कोई आदमी कबहु नाए बोलिहए!”