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\v 25 सिमोन पत्रुस ठाहरके आगी ताप्त रहए । बे बासे कहीँ, “का उनके चेला मैसे एक जनै फिर नाहौ ?” बा इन्कार करके कही, “मए ना हौ ।” \v 26 प्रधान पुजाहारीको कमैया मैसे एक जनै, जौनक् नातेदारको कान पत्रुस काटी रहए, बा पुछी, का मए तुमके उनके संग बगियामे ना देखो का ?” \v 27 तव फिर पत्रुस इन्कार करी । और तुरुन्त मुर्गा बस्दै । |