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\v 30 30 बा आदमी जबाफ दैके बिनसे कही, “कैसो अचम्मोकी बात! बा कहाँ से अओ हए तुमनए जान्त हौ, पर मिर आँखी बा खोलदै।
\v 31 31 हम जान्तहए कि परमेश्वर पापीनको बात सुनत नैयाँ, पर परमेश्वरके भय मानन् बारे और बाकी इच्छा पालन करन बारे आदमीनको बात परमेश्वर सुन्तहए