thr_jhn_text_reg/09/19.txt

3 lines
872 B
Plaintext

\v 19 19 तव बे बोसे पुछी, “का जा तुमर लौडा हए जा का अन्धरा जन्मो रहए करके तुम कहतहौ? तव अब कैसे जा देखन बारो हुइगव?”
\v 20 20 बोके अइया-दौवा उन्से कहिँ, “हम जनत हए जा हमर लौणा हए, और अन्धरा जन्मो रहए।
\v 21 21 पर अब जा कैसे देखन बारो भव हमके पता नैयाँ, और जक आँखी कैसे खुलीगै बहु फिर हमके पता नैयाँ। जाको उमेर पुगीगव हए, जहेसे पुछौ। अपने बारेमे जा अपनए बुलहए।”