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\v 26 " और यूहन्‍ना उनके यईसी जबाफ दै, “मए पानीसे बप्तिस्मा देतहौ,। तव तुमर बीचमे एक जनै खडा हए, जौनके तुम ना चिनत हौ । \v 27 मोसे पिच्छु अन बारो बहे हए । बाके जुत्ताको फित्ता खोलनको लायकको मए नैयाँ ।” \v 28 यर्दन नदीया पार बेथानियामे जा बात भव रहए, जहाँ यूहन्‍ना बप्तिस्मा देत रहए ।