thr_jhn_text_reg/06/19.txt

1 line
572 B
Plaintext

\v 19 पाँच- छ किलोमिटर नैया अग्गु चलाएके लैगए रहए, पिछु बे येशूके समुन्द्र उपर नेगत नैया घेन आत देखि, और बे डरएगए । \v 20 फिर बा उन्से कही, “मए हौ, मत डराबओ ।” \v 21 बे बाके खुशीसे नैयामे बैठई, और बे जात रहए बा ठाँउमे नैया तुरन्त पुगए ।