thr_jhn_text_reg/14/30.txt

1 line
512 B
Plaintext

\v 30 \v 31 30 मए तुमसे बहुत बुलेहौनए, कहेकी जा संसारको शासक अए रहोहए| बोके उपर कोइ सक्ति नैयाँ| 31 पर मए पिताके प्रेम करत् हौ,और जैसो पिता मोके आज्ञा करी हए बहे बमोजिम कतहौ करके संसार जानए| उठओ, हम हियाँ से जए|”