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\v 5 "अब मए मोके पठन बारेक ठिन जाए रहो हौ, पर औ तुम कहाँ जातहौ ?' कहिके तुम कोइ मोसे ना पुछ्त् हौ ।" \v 6 ताहु फिर मए तुमसे जा बात कहो बहेमारे तुमर ह्रदय शोकसे भरिगौ हए । \v 7 ताहु फिर मए तुमसे सच्ची बात कहत् हौ, मोए जान मे तुमर हित हुइहए । काहेकी मए ना जएहौ तव, सल्लाह देन बारो तुमरे ठिन ना अए हए । पर जाएहौ तव मए बाके तुमर ठिन पठए देहौ ।