thr_jhn_text_reg/14/18.txt

2 lines
590 B
Plaintext

\v 18 "मए तुमके टुहुरो ना छुडे हौ । मए तुमरे ठिन लौटके
अमंगो । " \v 19 अब कुछ दिन पिच्छु संसार मोके कबहु ना देखहए, पर तुम मोके देखैगे । और मए जित हौ तुम फिर जिबैगे ।” \v 20 बा दिन तुम जानैगे, कि मए मिर पितामे हौ और तुम मोएमे, और मए तुमरमे हुइ हौ ।