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\c 14 \v 1 तुम्रो ह्रदय व्याकुल ना होबए | तुम परमेश्‍वर उपर बिश्‍वास करतहौ, मिर उपर फिर बिश्‍वास करओ । \v 2 मिर पिताके घरमे बैठन ठाउँ बहुत हए । अइसो ना होतो, का मए तुमसे कहतो और, कि तुमर ताहिँ ठाउँ तयार करन मए जए रहो हौ ? \v 3 और जाएके मए तुमरे ताहिँ ठाउँ तयार करके पिछु मए फिर अए हौ, और तुमए मए अपने ठिन लैजएहौ, और जहाँ मए हुइहौ, हुवाँ तुम फिर हुइहौ ।