\v 26 काहेकी जैसी पिता अपनए जीवन हए उईसी, बा पुत्रक फिर अपनाएमे जीवनको स्रोत होनके अधिकार दैहए । \v 27 और बाके न्यायको फैसला करनके अधिकार दैहए, कहेकी बा आदमीक पुत्र हए ।