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\v 48 जौन मोके इन्कार करए हए और मिर वचन ग्रहण ना करैगो बा न्याय करन बारो एक जनै हए । मए बोलो मिर वचन अन्तके दिनमे बाकी न्याय करेहए । \v 49 काहेकी मए अपन तर्फ से मस्को ना हऔँ, तव मोके का कहन हए, और का मस्कन हए मोके पठन बारो पिता अपनए मोके आज्ञा दैहए । \v 50 मए जान्तहौ, कि बाको आज्ञा अनन्त जिवन हए, जहेमारे मए बहे मस्कत हौँ, पिता मोसे जो कहत हए बहे अनुसार मस्कत हौँ ।”