thr_jhn_text_reg/11/08.txt

1 line
552 B
Plaintext

\v 8 चेला बासे कहिँ, “रब्बी, हबैत यहूदि आदमि तुमके पत्थर मारन् समरे रहए, और फिर तुम हुवाँ जएहौ ?” \v 9 येशू जबाफ दैके कही, “का दिनमे बाहृ घण्टा ना होत हँए ? दिनमे नेगत पेती ठेस का ना लागत हए, कहेकी बे संसारको उजियारो देखंगे,