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\v 16 कोई फरिसी मैसे कहिँ, “जा आदमी परमेश्‍वरसे ना अओ हए, काहेकी बा शबाथदिन पालन ना करत् हए ।” तव और कहीँ, “एक पापी आदमी कैईसे चिन्ह कर पए हए ?” बहेमारे उनके बीचमे फुट होन लागो । \v 17 जहेमारे बे बा अन्धरा से फिर पुछीँ, “बा अब बक बारेमे तए का कहत हए ? काहेकि बा तिर आँखी खोलदै,? ” अन्धरा आदमी जबाफ दैके कहि, “बा ता अगमवक्ता हए ।” \v 18 यहूदी अपन दृष्टि पानबारोको अइया दौवाके ना बुलान तक बा अन्धरा रहए , और बा देखन बारो हुइगव हए कहिके बे तहुँ विश्‍वास ना करिँ ।