thr_jhn_text_reg/05/39.txt

1 line
469 B
Plaintext

\v 39 तुम धर्मशास्त्रमे ढुड्तहौ, कहेकी बामे अनन्त जीवन मिलत हए करके तुम कहतहौ । मिर बारेमे गवाही देन बारो बहे धर्मशास्त्र हए, \v 40 तहुंफिर तुम जीवन पानके तही मिर ठिन आनके इन्कार करत हौ ।