\v 10 रातमे नेगन बारेन् के ठेस लागत हए, कहेकी बे आदमीमे उजियारो ना होतहए |” \v 11 तव पिछु बा बिनसे कही, “हमर नातेदार लाजरस निदमे पडो, और बाके निदसे जगान मए हुवाँ जातहौ ताकिमय बक जगाय सकौ ।''