\v 45 मए सत्य बोल्तहौ, पर तुम मोके बिश्वास करत् नैयाँ। \v 46 तुमए मैसे कौन मोके पापको दोष लगए पैहए? बल्कि मए सत्य बोल्तहौ तव, कहे तुम मिर उपर बिश्वास करत् नैयाँ? \v 47 जौन परमेश्वरको हए, बा परमेश्वरको बाणी सुनत् हए । तुम परमेश्वरके नैयाँ, जहेमारे तुम ना सुनत् हौ।”