\v 27 27 "मिर भेणा मिर आवाज सुनत् हए, और बिनके मए चिन्तहौ, और बे मिर पिछु आत हए। " \v 28 28 बिनके मए अनन्त जीवन देहौ, और बे कबहु नष्ट नए हुइँहए, और बिनके कोई मिर हातसे छिनके नए लैजए पैहए ।