\v 37 बा उनके सामने बहुत चिन्ह करीरहए, ताहु फिर बे बाके उपर विश्‍वास ना करीं । \v 38 जा नेहत्य होनरहए, काहेकी अगमवक्तको वचन पुरा होबए, “हे परमप्रभु, हमर सन्देश कौन विश्‍वास करो ? और परमप्रभुको बहुबल कौनके प्रघट करी हए ?”