diff --git a/11/47.txt b/11/47.txt index 4a246b8..8bd1192 100644 --- a/11/47.txt +++ b/11/47.txt @@ -1 +1 @@ -\v 47 तव मुखिया पुजाहारी और फरिसी महासभाके सदस्यनके बोलाएके और उन्से कहिँ, “अब हम का करए? कहेकी जा आदमी बहुत चिन्ह कर रहोहए| \v 48 जाके अईसीयउचष छोण देहौ तव सब जके उपर बिश्‍वास करेहए् और रोमी आएके हमर पवित्र स्थान और हमर जातिनके दोनए के नष्ट क्रदेहए|” \ No newline at end of file +\v 47 तव मुखिया पुजाहारी और फरिसी महासभाके सदस्यनके बोलाएके और उन्से कहिँ, “अब हम का करए ? कहेकी जा आदमी बहुत चिन्ह कर रहोहए । \v 48 जाके अईसीयउचष छोड देहौ तव सब जके उपर बिश्‍वास करेहए् और रोमी आएके हमर पवित्र स्थान और हमर जातिनके दोनए के नष्ट करदेहए ।” \ No newline at end of file diff --git a/11/49.txt b/11/49.txt index 03212cc..f54499b 100644 --- a/11/49.txt +++ b/11/49.txt @@ -1 +1 @@ -\v 49 \v 50 49 पर बिन मैसे एक जनै, कैयाफ, जो बो समय मे प्रधान पुजाहारी रहए, बो उन्से कही, “तुम कुछ्नए जानत् हौ! 50 समस्त राष्ट नष्ट होनेसत् बरु जनताके ताहिँ एक जनै मरनो नए तुमरे तही कल्याण हुइहए करके तुम बुझत् नैयाँ|” \ No newline at end of file +\v 49 पर बिन मैसे एक जनै, कैयाफ, जो बा समय मे प्रधान पुजाहारी रहए, बा उन्से कही, “तुम कुछ्नए जानत् हौ ! \v 50 समस्त राष्ट नष्ट होनेसत् बरु जनताके ताहिँ एक जनै मरनो नए तुमरे तही कल्याण हुइहए करके तुम बुझत् नैयाँ|” \ No newline at end of file