From ee9ae5b610a88712a09d6553e3327b7fb0058a27 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Sun, 11 Jun 2023 17:29:49 +0545 Subject: [PATCH] Sun Jun 11 2023 17:29:48 GMT+0545 (Nepal Time) --- 04/34.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/04/34.txt b/04/34.txt index 3aa74fe..8fa7202 100644 --- a/04/34.txt +++ b/04/34.txt @@ -1 +1 @@ -\v 34 येशू बिनसे कही, “जो मोके पठाइ हए, बहएको ईच्छा और बहएको काम पुरा कर्नोही मिर खानु हए । \v 35 अभए फिर चार महिना हए और बाकेबाद कटनी करनकी समय अए हए कहिके का तुम ना काहत हओ? मए तुनसे काहि रहो हओ, खेतके देखओ, काहेकि कटनीके ताही बे अगुए पकगय हय। \v 36 जौन कटनी कर्थए बा मजदुरि पैहए, और अनन्त जीवनके ताहिं फल बटुरहए, और बोन बारे और कटनी करन बारे एक संग रमए हँए । \ No newline at end of file +\v 34 येशू बिनसे कही, “जो मोके पठाइ हए, बहएको ईच्छा और बहएको काम पुरा कर्नोही मिर खानु हए । \v 35 अभए फिर चार महिना हए और बाकेबाद कटनी करनकी समय अए हए कहिके का तुम ना काहत हओ? मए तुनसे काहि रहो हओ, खेतके देखओ, काहेकि कटनीके ताही बे अगुए पकगय हय। \v 36 जौन कटनी कर्थए बहय मजदुरि पाथए, और अनन्त जीवनके ताहिं फल बटुल्थए, और बोन बारे और कटनी करन बारे एक संग रमए हँए । \ No newline at end of file