From e869e4b5ac7daa20d2cc8d582d79c43504b87199 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 11 May 2023 10:43:07 +0545 Subject: [PATCH] Thu May 11 2023 10:43:06 GMT+0545 (Nepal Time) --- 05/45.txt | 2 +- 06/01.txt | 4 +--- 2 files changed, 2 insertions(+), 4 deletions(-) diff --git a/05/45.txt b/05/45.txt index 7b75165..a903d7e 100644 --- a/05/45.txt +++ b/05/45.txt @@ -1 +1 @@ -\v 45 "जा मत समझिओ कि मए दौवाके अग्गु तुमके दोष लगएहौ। तुमके दोष लगान बारो त मोसा हए, जौनमे तुम अपन आशा धरेहौ ।" \v 46 कहेकी तुम मोशाके बिश्‍वास करते, तव मोहूके तुम बिशवास करते, कहेकी बा मिर बारेमे लिखिरहए । \v 47 पर तुम बाकी लिखि बातमे बिश्‍वास करेनाए तव, मिर बातमे कैसे बिश्‍वास करेहौ?” \ No newline at end of file +\v 45 "जा मत समझिओ कि मए दौवाके अग्गु तुमके दोष लगएहौ। तुमके दोष लगान बारो त मोसा हए, जौनमे तुम अपन आशा धरेहौ ।" \v 46 कहेकी तुम मोशाके बिश्‍वास करते, तव मोहूके तुम बिशवास करते, कहेकी बा मिर बारेमे लिखिरहए । \v 47 पर तुम बाकी लिखि बातमे बिश्‍वास करेनाए तव, मिर बातमे कैसे बिश्‍वास करेहौ?” \ No newline at end of file diff --git a/06/01.txt b/06/01.txt index 3126265..626d41c 100644 --- a/06/01.txt +++ b/06/01.txt @@ -1,3 +1 @@ -\c 6 \v 1 1 जे बातके पिछु येशू गालील, अथबा तिबेरियास समुन्द्रके बा पार गओ । -\v 2 2 और एक बहुत भारी भिड बाके पिछु लाग गई, कहेकी बा रोगीनके उपर करो चिन्ह बे देखतरहै । -\v 3 3 येशू डाँगा उपर गओ, और अपन चेलान संग बैठो । \ No newline at end of file +\c 6 \v 1 जे बातके पिछु येशू गालील, अथबा तिबेरियास समुन्द्रके बा पार गओ । \v 2 2 और एक बहुत भारी भिड बाके पिछु लाग गई, कहेकी बा रोगीनके उपर करो चिन्ह बे देखतरहै । \v 3 3 येशू डाँगा उपर गओ, और अपन चेलान संग बैठो । \ No newline at end of file