From dad31b7c1458a43522e3b2896e27c72cce4f9d07 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 11 May 2023 11:25:17 +0545 Subject: [PATCH] Thu May 11 2023 11:25:16 GMT+0545 (Nepal Time) --- 07/43.txt | 3 +-- 07/45.txt | 3 +-- 07/47.txt | 4 +--- 07/50.txt | 4 +--- 08/01.txt | 4 +--- 5 files changed, 5 insertions(+), 13 deletions(-) diff --git a/07/43.txt b/07/43.txt index 3f3a52e..709f071 100644 --- a/07/43.txt +++ b/07/43.txt @@ -1,2 +1 @@ -\v 43 43 जहेमारे आदमीके बीचमे बाके मारे फुट हुइगओ । -\v 44 44 बो मैसे कित्तो बोके पकडन् ढुडत रहए, पर बाक उपर कोई फिर हात नाए लगाई । \ No newline at end of file +\v 43 जहेमारे आदमीके बीचमे बाके मारे फुट हुइगओ । \v 44 बो मैसे कित्तो बोके पकडन् ढुडत रहए, पर बाक उपर कोई फिर हात नाए लगाई । \ No newline at end of file diff --git a/07/45.txt b/07/45.txt index 7b4a1cf..44f4a36 100644 --- a/07/45.txt +++ b/07/45.txt @@ -1,2 +1 @@ -\v 45 45 "तव मन्दिरके पहरेदार और मुखिया पुजाहारी और फरिसीके ठिन आए । बे उन्से कही " तुम बाके काहे नाए ल्याए?” -\v 46 46 पहरेदार जबाफ दैं, “जा आदमी जैसो ता कोई आदमी कबहु नाए बोलिहए!” \ No newline at end of file +\v 45 "तव मन्दिरके पहरेदार और मुखिया पुजाहारी और फरिसीके ठिन आए । बे उन्से कही " तुम बाके काहे नाए ल्याए?” \v 46 पहरेदार जबाफ दैं, “जा आदमी जैसो ता कोई आदमी कबहु नाए बोलिहए!” \ No newline at end of file diff --git a/07/47.txt b/07/47.txt index 3deb4b4..0be2914 100644 --- a/07/47.txt +++ b/07/47.txt @@ -1,3 +1 @@ -\v 47 47 फरिसी बिनसे कहन लागे, “तुम फिर बहकिगए, कैसो? -\v 48 48 का धर्मगुरु अथबा फरिसी मैसे कोई बाके उपर बिश्वास करी हँए? -\v 49 49 पर जा भिड, जौन व्यवस्था नाए जान्त, बा श्रापित हए ।” \ No newline at end of file +\v 47 फरिसी बिनसे कहन लागे, “तुम फिर बहकिगए, कैसो? \v 48 का धर्मगुरु अथबा फरिसी मैसे कोई बाके उपर बिश्वास करी हँए? \v 49 पर जा भिड, जौन व्यवस्था नाए जान्त, बा श्रापित हए ।” \ No newline at end of file diff --git a/07/50.txt b/07/50.txt index bdb9f97..23a63d9 100644 --- a/07/50.txt +++ b/07/50.txt @@ -1,3 +1 @@ -\v 50 50 बिन मैसे एक जनै निकोदेमस, जो पहिले एक दओ येशू ठिन अओ रहए, बा कही, -\v 51 51 "का हमर व्यवस्था पहिले आदमीक बात नाए सुनाइके, और बा का करी हए, सो नाए जानके बाके दोषी ठहरए हए का?” " -\v 52 52 बे उनके जबाफ दै, “का तुम फिर गालीलके हौ? धर्मशास्त्र ढुडके देखौ, तव तुम देखैगे, कि गालीलसे अगमवक्ता नाए निक्रैगो ।” \ No newline at end of file +\v 50 बिन मैसे एक जनै निकोदेमस, जो पहिले एक दओ येशू ठिन अओ रहए, बा कही, \v 51 "का हमर व्यवस्था पहिले आदमीक बात नाए सुनाइके, और बा का करी हए, सो नाए जानके बाके दोषी ठहरए हए का?” " \v 52 बे उनके जबाफ दै, “का तुम फिर गालीलके हौ? धर्मशास्त्र ढुडके देखौ, तव तुम देखैगे, कि गालीलसे अगमवक्ता नाए निक्रैगो ।” \ No newline at end of file diff --git a/08/01.txt b/08/01.txt index 71be42b..f830f33 100644 --- a/08/01.txt +++ b/08/01.txt @@ -1,3 +1 @@ -\c 8 \v 1 1 तव येशू जैतुन डाँगामे गओ । -\v 2 2 बा सबेरे फिर मन्दिरमे गओ, और सब आदमी बाके ठिन आए, और बा बैठो, और बिनके शिक्षा देन लागो । -\v 3 3 शास्त्री और फरिसी छिनरैमे पकडओ पणी एक बैयरके ल्याइँ, और बाके बीचमे ठढबाँई । \ No newline at end of file +\c 8 \v 1 तव येशू जैतुन डाँगामे गओ । \v 2 बा सबेरे फिर मन्दिरमे गओ, और सब आदमी बाके ठिन आए, और बा बैठो, और बिनके शिक्षा देन लागो । \v 3 शास्त्री और फरिसी छिनरैमे पकडओ पणी एक बैयरके ल्याइँ, और बाके बीचमे ठढबाँई । \ No newline at end of file