From b59ef59a0332c75afe56ed920933abd1eefc3f46 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 11 May 2023 12:48:49 +0545 Subject: [PATCH] Thu May 11 2023 12:48:48 GMT+0545 (Nepal Time) --- 07/30.txt | 2 +- 07/37.txt | 2 +- 2 files changed, 2 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/07/30.txt b/07/30.txt index 0c05ce3..5b536e1 100644 --- a/07/30.txt +++ b/07/30.txt @@ -1 +1 @@ -\v 30 बहेमारे बे बाके पकडन ढुड्त रहए, पर कोई बाके उपर हात नाए डारी, काहेकी बाको बेरा हबाए नाए अओ रहए । \v 31 पर भिडके बहुत आदमी बाके उपर बिश्वास करी । बे कही, “जब ख्रीष्ट अए हए, तव का जे करे भए चिन्हसे बड़ो चिन्ह बा कर पाएहए?” \v 32 भिड बाके बारेमे चर्चा कर्त फरिसी सुनी । तव मुखिया पुजाहारी और फरिसी बाके पकडन् मन्दिरके पहरेदारके पठाइँ । \ No newline at end of file +\v 30 बहेमारे बे बाके पकडन ढुड्त रहए, पर कोई बाके उपर हात नाए डारी, काहेकी बाको बेरा हबाए नाए अओ रहए । \v 31 पर भिडके बहुत आदमी बाके उपर बिश्‍वास करी । बे कही, “जब ख्रीष्ट अए हए, तव का जे करे भए चिन्हसे बड़ो चिन्ह बा कर पाएहए?” \v 32 भिड बाके बारेमे चर्चा कर्त फरिसी सुनी । तव मुखिया पुजाहारी और फरिसी बाके पकडन् मन्दिरके पहरेदारके पठाइँ । \ No newline at end of file diff --git a/07/37.txt b/07/37.txt index 2cfbfdb..5765d2c 100644 --- a/07/37.txt +++ b/07/37.txt @@ -1 +1 @@ -\v 37 अब तेवहरको पच्छुकी दिन अथबा तेवहरको खास दिनमे, ठड्के येशू जोडसे चिल्लएके अइसे कही, “अगर कोई प्यासो हए तव बा मिर ठिन अबाए और पिबैए। \v 38 जौन मिर उपर बिश्वास करेहए, तव धर्मशास्त्र कहिअनुसार 'बोके अन्तस्करणसे जिन्दा पानीको नदिया बहाबैगी ।” \ No newline at end of file +\v 37 अब तेवहरको पच्छुकी दिन अथबा तेवहरको खास दिनमे, ठड्के येशू जोडसे चिल्लएके अइसे कही, “अगर कोई प्यासो हए तव बा मिर ठिन अबाए और पिबैए। \v 38 जौन मिर उपर बिश्‍वास करेहए, तव धर्मशास्त्र कहिअनुसार 'बोके अन्तस्करणसे जिन्दा पानीको नदिया बहाबैगी ।” \ No newline at end of file