From a8bc187fa0a85b5592aefd1b2afcc12402c0a6f7 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Fri, 31 Mar 2023 20:33:55 +0545 Subject: [PATCH] Fri Mar 31 2023 20:33:55 GMT+0545 (Nepal Time) --- 05/01.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/05/01.txt b/05/01.txt index 32f0435..aaa647c 100644 --- a/05/01.txt +++ b/05/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 5 \v 1 1 तव पिछु यहूदीनकी तेवहार रहए, और येशू यरुशलेम मे गओ रहए, \v 2 2 यरुशलेममे भेडा-फाटकके जौने पाँच घाटक एक जल-कुण्ड रहए, जौनसे हिब्रू भाषामे बेथस्दा कहात् हँए। \v 3 3 बा हुवाँ अनेक रोगी, और अन्धरा, लंगडा, पक्षाघाती हुवाँ पडे रहत रहंय । [बे पानी कित्तो बेरा छलके हए करके आसरा देखत रहए । \v 4 4 कहेकी परमप्रभुक एक दुत समय समयमे जल कुण्डमे उतारके पानी हलाए देत रहए, और पानी छलको खिनक जो पहिले पानी भितर घुसत रहए, तव जैसो रोग होबाए फिर, बा अच्छो हुइ जात रहए।] \ No newline at end of file +\c 5 \v 1 तव पिछु यहूदीनकी तेवहार रहए, और येशू यरुशलेम मे गओ रहए, \v 2 2 यरुशलेममे भेडा-फाटकके जौने पाँच घाटक एक जल-कुण्ड रहए, जौनसे हिब्रू भाषामे बेथस्दा कहात् हँए। \v 3 बा हुवाँ अनेक रोगी, और अन्धरा, लंगडा, पक्षाघाती हुवाँ पडे रहत रहंय । [बे पानी कित्तो बेरा छलके हए करके आसरा देखत रहए । \v 4 4 कहेकी परमप्रभुक एक दुत समय समयमे जल कुण्डमे उतारके पानी हलाए देत रहए, और पानी छलको खिनक जो पहिले पानी भितर घुसत रहए, तव जैसो रोग होबाए फिर, बा अच्छो हुइ जात रहए।] \ No newline at end of file